बेगूसराय में नेटवर्क मार्केटिंग की आड़ में चल रहा धोखाधड़ी का धंधा

आलोक कौशिक,

मल्टीलेवल मार्केटिंग व्यवसाय में धोखेबाज कंपनियों एवं धोखेबाज लोगों (लीडर्स) की मौजूदगी बड़ी चिंता का विषय है। ऐसी धोखेबाज कंपनियां और धोखेबाज लोग (लीडर्स) इस व्यवसाय में आने वाले लोगों को रातों-रात अमीर बनाने के सपने दिखाते हैं और किसी न किसी प्रकार से सिर्फ पैसे लेकर कई गुना मुनाफे सहित एक निश्चित समय सीमा में वापस करने का वायदा करके लोगों को अपने झांसे में ले आते हैं। इस प्रकार की कंपनियां भोलेभाले लोगों को भ्रमित कर मूर्ख बनाती हैं।

बेगूसराय में कई कंपनियां चल रही हैंं जो दिखावे भर के लिए प्रॉडक्ट का मुखौटा लगाए हुए हैंं और अपने बिज़नेस प्लान में रातों रात अमीर बनने का झूठा दावा पेश कर रही हैंं। जिसमें रूपये लगाने पर एवं उस कंपनी का प्रोडक्ट खरीदने पर आजीवन आपको आमदनी मिलती रहेगी या आप दो अन्य लोगों को प्रॉडक्ट खरीदवायें तो अगले कई वर्षों तक एक निर्धारित रकम आप को मिलती रहेगी। इस प्रकार का भ्रम फैला रही हैंं। लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए सैलरी प्लान, सिंगल लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान जैसी अलग-अलग स्कीमें भी कंपनियां बता रही हैंं।

एक ऐसी ही कंपनी कहती है – “दोस्तो आ गया है 21 वींं सदी का सबसे बैस्ट प्लान जो नैटवर्क मार्कटिगं का इतिहास बदल रहा है। दोस्तोंं मै आपको विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि आपने ऐसा प्लान न तो कभी देखा होगा और न ही कभी सुना होगा। तो फिर देर किस बात की है शुरू हो जाओ इतिहास रचने के लिये। तो जल्दी कीजिये अपने-अपने शहर मे टॉप की पोजिशन लेने के लिये। दोस्तोंं हो सकता है कि आपको ये जॉइनिंग अमाउंट ज्यादा लगे एक बार प्लान को ध्यान से देखना, नही समझ आए तो एक बार पूरी जानकारी लेना क्योंकि आपका कैरियर सैट करने में इससे बढ़िया option नहीं हो सकता”

सावधान– ऐसे दावे कर रही उपर्युक्त दोनों योजनाएं फर्जी लाइनों पर हैं। ऐसी योजनाएं भारत सरकार के डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन्स 2016 के अनुसार नहीं हैं, लेकिन इन्हें मनी सर्कुलेशन (बैनिंग) एक्ट 1978 के तहत अपराध माना जाता है। वास्तव में आमदनी को प्रॉडक्ट की बिक्री से प्राप्त किया जाना चाहिए, जोकि कानूनी रूप से प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने और टीम के कुल कारोबार के माध्यम से वैध है। किसी अन्य प्रकार की आय जो डायरेक्ट सेलिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है, कानूनी मान्यता में नहीं है!

आज, बाजार में ऐसी कई धोखाधड़ी की स्कीमें चल रही हैं। डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के अधिकारों और गरिमा के लिए “फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन” (FDSA) लंबे समय से संघर्षरत है ! इस संस्था ने ग्राहकों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए समय-समय पर अपनी तरफ से भरपूर प्रयास किये हैं। मल्टीलेवल मार्केटिंग आधारित एक बड़े फर्ज़ीवाड़े का भांडा-फोड़ करके तथा क्रिप्टो करेंसी की चेतावनी जारी करके लोगों को बचाने की कोशिश की है।फर्ज़ीवाड़े में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्टों की एक नेगेटिव प्रॉडक्ट लिस्ट जून 2016 में जारी की गई। जिसमें लोगों को धोखा देने के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किए गए उत्पाद शामिल थे। सरकार ने 2017 में उसके महत्व को समझा है और 2018 में घोटाले चलाने वाली धोखाधड़ी कंपनियों पर कार्रवाई होती दिख रही है। जो कंस्यूमर प्रोटेक्शन के लिए नेगेटिव प्रोडक्ट लिस्ट की बेहद उपयोगी भूमिका को रेखांकित करता है।

हम जन साधारण को चेतावनी देना चाहते हैं कि कोई भी कंपनी अगर किसी भी प्रकार के सैलरी-प्लान, सिंगल-लेग-प्लान, ऑटो-फिल पूल-प्लान या इन जैसी कोई भी आमदनी (इनकम) का वायदा कर रही है तो वह गलत है। ऐसी आय को बढ़ावा देने वाली कंपनियां, उनके मालिकों और उनके प्रमोटरों और उनके लीडरों को परिणाम भुगतने होंगे।

ऐसी कंपनियों से दूर रहें। यहाँ आपकी कड़ी मेहनत का पैसा डूबने का पूरा खतरा है। यह वही रास्ता है जिस पर एक कंपनी ने 6 लाख से अधिक लोगों को मूर्ख बनाकर 3600 करोड़ रुपये उगाहे और पैसा बनाया। यह कंपनी अब कानूनी शिकंजे में है। लेकिन आम जनता को अपने पैसे वापस मिलने की संभावना नहीं है।

ऐसी कंपनियां समय-समय पर बाजार में दिखाई देती रहती हैं। वास्तव में ये कंपनियां नाम बदल कर आती रहती हैं, लेकिन घोटाले करने वालों के चेहरे वही रहते हैं। उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए, नेगेटिव प्रोडक्ट लिस्ट बनाने के बाद, एफडीएसए ने नेगेटिव कंपनियों की एक सूची बनाई है, जो कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों और सरकार की जानकारी में लाई गई है।

अब, एफडीएसए ने लीडरों की एक नेगेटिव लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है – जिसमें उन लीडरों के नाम शामिल हैं जो हर फर्ज़ीवाड़े में शामिल रहते हैं और घोटालों की श्रृंखला को जन्म देते हैं। यह लिस्ट भी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों और सरकार को जानकारी के लिए बनाई जा रही है।

ऐसे में एक और अपील हम आप सबसे करना चाहते हैं कि कंपनियां भले ही अलग-अलग क्यों न हों लेकिन मेहनतकश एवं भोले-भाले लोगों को चूना लगाने वाले लोगों के चेहरे एक जैसे ही रहते हैं। यह एक प्रकार की दीमक है जो इंडस्ट्री में रहते हुए इंडस्ट्री को खोखला कर रही है और ये तथा कथित लीडर्स कंपनी के भाग जाने से पहले यही चेहरे जोर-शोर से पूरे जोश में स्टेज पर आकर अपनी सफलता के कसीदे पढ़ते हैं और कंपनी के भाग जाने के बाद मासूम सा चेहरा बनाकर बोलते हैं कि कंपनी ने मुझे भी तो ठगा है, और लोग इन पर विश्वास कर के माफ़ कर देते हैं और ये लीडर्स बच जाते हैं फिर से लोगों को ठगने के लिए।

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